आख़िर महारानी क्यों घबरा रही है हनुमान बेनीवाल से ……
लोकतंत्र की सरेआम हत्या
अनुमति वापिस ली, उसकी जगह निलंबन वापिस होता तो सरकार के लिए अच्छा रहता।

राज्य की सामंती सरकार किस तरह किसानों की आवाज दबाकर लोकतंत्र की हत्या कर रही है इसका इससे बड़ा कोई उदाहरण नही हो सकता। महाराणी ने किसान पुत्रो के बेनीवाल के प्रति बढ़ते समर्थन को देखकर यह कारनामा करवाया गया है।
सरकार को यह नही भूलना चाहिए कि हम वो वीर है जो अंग्रेजो की दमनकारी नीति से नही डरे , उनका डट कर सामना किया है तब जाकर आज यह लोकतंत्र भारत मे आया है। तो आप हमे इस तरह आदेश करके डरा धमका नही सकते, हम वो वीर है जिनके लिए बेनीवाल के लिए जेल जाना तो सामान्य होगी, उनके लिए हम खून भी बहा देंगे।
किसान पुत्रो के साथ यह सामंती सरकार जैसा व्यवहार कर रही है, उसके बाद भी यदि किसान इस सरकार का समर्थन करता है तो उससे ज्यादा गुलामी की मानसिकता नही हो सकती है।
प्रदेश आधी रात से ही जयपुर में एंट्री करने से पहले सभी टोल नाकों पर पुलिस को खड़ा कर के बेनीवाल समर्थकों को जयपुर में आने से रोका जा रहा है, आख़िर क्यों…?
आख़िर महारानी क्यों घबरा रही है इतना…
हनुमान बेनीवाल के जनसमर्थन ने उनकी नींद उड़ा दी है एक एक मिनट की खबर ले रही है, क्योंकि नागौर की हुँकार रैली ने भी मैडम को दिल्ली का सफर करवाया था। अब उन्हें खतरा सिर्फ बेनीवाल और उनकी टीम से है।

सरकार के तानाशाही रवैए से दबें नहीं और अपने स्वाभिमान के लिए ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में जयपुर पहुँचे ।
महाराणी ने संभावित जनाक्रोश को देखते हुए कल पुलिस से रैली की अनुमति वापिस करवाई गई है,
आज आपके जोश एव जज्बे को देखकर, निलम्बन वापिस करवाएगी। साथियो जीत हमारी होगी किसान पुत्रों की होगी।
किसान एकता जिंदाबाद, हनुमान बेनीवाल जिंदाबाद